२५ सितंबर, २०१६.
जब अपना देश और दुनिया
राष्ट्र ऋषी पं. दीनदयाल उपाध्याय जी की
जन्मशताब्दी मना रहे थे,
तब
मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले के
बैहर तहसील में
मानवता को लज्जित करने वाला कृत्य हो रहा था.
बैहर में संघ का एक छोटासा कार्यालय हैं
बस एक / डेढ़ कमरे का…
यहां पर एक बैठक चल रही थी
रा. स्व. संघ के तहसील / जिले के दायित्ववान कार्यकर्ता
वहां उपस्थित थे.
बैठक ले रहे थे –
जिला प्रचारक श्री सुरेश जी यादव.
तभी
बैहर के थाना इन्स्पेक्टर (टी आई)
श्रीमान जिया उल हक़, अपने कुछ साथियों के साथ
दनदनाते अंदर चले आएं…
सुरेश यादव जी को उन्होंने पकड़ा..
गाली गलौच की
और बेदम पीटने लगे…
अन्य कार्यकर्ता बीच-बचाव करने आए
तो उन्हें भी मारा गया….!
सुरेश जी ने जब देखा
की ये लोग तो अपनी जान लेने पर उतारू हैं,
तो उन्होंने जान बचाने के लिये
पड़ोस के असाटी परिवार में शरण ली
श्रीमान जिया-उल-हक वहां भी घुसे..
बनते हुए भोजन को
अपने जूतों तले रौंदा…
भद्दी, भद्दी गालियां तो अविरत चल रही थी
वहां से सुरेश जी को पकड कर
पुलिस थाने में ले गए.
रास्ते में पुलिस के साथ कुछ मुस्लिम युवक भी
सुरेश जी को पीट रहे थे…
पुलिस थाने में ले जाकर
सुरेश जी को फिर पीटा..
बेरहमी से मारा…
‘थर्ड डिग्री’ का इस्तेमाल किया…!
सुरेश यादव जी का गुन्हा क्या था..?
तो इन्होने
हैदराबाद के ओवेसी को लिखी एक पोस्ट,
जिसमे पर्यावरण पूरक ईद मनाने की अपील थी,
को ‘व्हाट्स अप’ पर फॉरवर्ड किया..!
यह पोस्ट बहुत वायरल थी.
शायद आपने भी पढ़ी होगी
शायद फॉरवर्ड भी की होगी..
‘हिन्दुओं के त्योहारों पर तो
पर्यावरण का बड़ा प्रेम उमड़कर आता हैं..
होली हैं, रंग ना खेलो. प्रदुषण होता हैं
नवरात्री में आवाज ना करो, प्रदुषण होता हैं…
तो ईद पर
लाखों बकरों की बलि देकर तो
भयंकर प्रदुषण होता हैं..
इसलिए प्रतीकात्मक बलि दो..’
इस आशय की पोस्ट थी.
इस पोस्ट को सुरेश जी द्वारा
‘फॉरवर्ड’ करने के विरोध में
जावेद खान, नवाब खान, सज्जू खान, दानिश खान
आदि ने टी आई जिया-उल-हक़ के पास
शिकायत की थी.
ऐसी शिकायतों पर पुलिस विभाग की व्यवस्था हैं.
ऐसी शिकायते, ‘साइबर सेल’ को रेफर होती हैं.
साइबर सेल इनकी जांच करती हैं
आवश्यकता होने पर क्या कार्यवाही करनी हैं,
इसकी अनुशंसा करती हैं.
फिर आवश्यक हैं, तो गिरफ्तारी वगैरा होती हैं..
यहां ऐसा कुछ भी नहीं हुआ.
सारे कायदे कानूनों को
अपने जूतों तले रौंदते हुए
टी आई जिया-उल-हक और ए एस पी राजेश शर्मा ने
सुरेश जी को
मरणासन्न अवस्था में पहुंचा दिया…!
इसी स्तंभ में, इसी लेखनी से
मैंने केरल में
संघ स्वयंसेवकों पर हो रहे अत्याचारों के बारे में
अनेकों बार लिखा…
मुझे क्या मालूम था,
की अपने मध्य प्रदेश में भी
ऐसी बर्बरता अपने संघ प्रचारक पर
बरपी जायेगी..?
लेकिन एक फरक हैं –
केरल में संघ स्वयंसेवकों पर
शासन अत्याचार करवाता हैं..
और प्रशासन मौन देखता रहता हैं…
अपने यहां
प्रशासन अत्याचार करता हैं,
और शासन मौन देखता रहता हैं…!
संघ प्रचारक सुरेश यादव
इस समय जबलपुर में अस्पताल में भर्ती हैं.
उनको बहुत ज्यादा मारा गया हैं..
किन्तु वे अभी खतरे से बाहर हैं.
पिछले तीन दिनों में
शासन ने
टी आई जिया-उल-हक, एएसपी राजेश शर्मा और
कुछ पुलिस वालों को
मात्र ‘सस्पेंड’ किया हैं,
तथा उनपर अपराधिक मामलों का
प्रकरण दर्ज किया हैं…
किन्तु ये सारे पुलिस अधिकारी
अभी भी गिरफ्त से बाहर हैं…
प्रशासन कहता हैं,
की ये सारे ‘फरार’ हैं..!
आपको विश्वास होता हैं,
टी आई और एएसपी फरार है..?
पुलिस उन्हें ढूंड नहीं पा रही हैं..?
दुर्भाग्य से आज भी
बैहर में, बालाघाट में
इन पुलिस अधिकारियों के समर्थन में,
संघ प्रचारक को हुई मारपीट के समर्थन में
वहां के कुछ समुदाय विशेष के लोग
पर्चे बांट रहे हैं..
और फिर भी शासन / प्रशासन मौन हैं..!
मध्यप्रदेश में संघ का विरोध
कांग्रेस द्वारा हमेशा से ही होता आया हैं…
दिग्विजय सिंह के जमाने में तो
संघ स्वयंसेवकों को
अनेकों बार प्रताड़ित किया गया…
लेकिन
तब भी..
किसी पुलिस अधिकारी की हिम्मत नहीं हुई थी,
संघ कार्यालय से
संघ प्रचारक को
मारते हुए / पीटते हुए उठाकर लाने की…!
अगले कुछ दिनों में
लोगों का गुस्सा कुछ ठंडा होगा…
शायद दोषी पुलिस अधिकारी,
कुछ समय के लिये ही सही…
गिरफ्तार भी होंगे..
बैहर के घटना की जाँच भी होगी…
लेकिन
मध्य प्रदेश शासन पर लगा
संघ के प्रचारक को
मरणासन्न अवस्था तक
पीटने का दाग
नहीं मिटेगा…
कभी नहीं मिटेगा…!!
– प्रशांत पोळ